विचारों की बाढ़ और मेरा बेचैन मन – “Cool Blogger’s Diary” – Day 1

This diary post is part of my personal blogging journey, written in Hindi to reflect raw thoughts and real emotions.

कभी-कभी चारों ओर शांति होती है, लेकिन मन के भीतर एक तूफान उठ रहा होता है।
आज का दिन कुछ ऐसा ही रहा।
घर में मैं अकेला था — पत्नी और बच्चे बाहर गए हुए हैं — पर मेरे भीतर का शोर थमने का नाम नहीं ले रहा था।
सुबह उठते ही ब्लॉग का ख्याल दिलो-दिमाग पर छा गया। हाल ही में ब्लॉग की डिजाइन बदली है, तो सबसे पहले सारे पुराने पोस्ट्स को नए टेम्पलेट में ढालने का काम शुरू किया।

तकनीकी काम, रचनात्मक दिमाग

पुराने ब्लॉग्स को अपडेट करते-करते एक नया लेख भी पब्लिश कर डाला — “Emotional Well-being”।
ये एक ऐसा लेख था जो पहले से ड्राफ्ट में था, लेकिन आज उसे फिर से पढ़ा, समझा और नई ऊर्जा के साथ एडिट करके पोस्ट किया।

लेकिन दिमाग कहाँ रुकता है?

जैसे ही “Acresia – Work on Yourself” जैसा गूढ़ टॉपिक सामने आया, दिल ने कहा — “इसे सिर्फ लिखो मत, इसे महसूस करो… इसे दिखाओ!”
फिर क्या, Canva में 12 स्लाइड्स बनाईं, AI वॉइसओवर से आवाज़ ली, और एक शानदार YouTube वीडियो भी तैयार कर डाला।
पर… पोस्ट नहीं कर पाया।
क्यों? क्योंकि दूसरा विचार तुरंत आ गया — “इस टॉपिक पर ब्लॉग भी तो बन सकता है।”

मैं क्या करूं? ब्लॉग? वीडियो? रील्स?

यह सवाल जैसे दिनभर मेरे सिर में घूमता रहा।
हर विषय के साथ मन बदलता रहा — ब्लॉग से वीडियो, फिर Iदद्मद्य्ठ्ठश्र्द्धठ्ठथ्र् रील्स, फिर च्ग्र्, फिर वेबसाइट का डिजाइन… और इसी में एक अजीब सी बेचैनी भी साथ रही।
जब सब कुछ कर लिया, और लगा कि वेबसाइट पर सब सही दिखेगा — तभी पता चला कि नया टेम्पलेट लाइव नहीं हो रहा है। नया पोस्ट भी वेबसाइट पर नज़र नहीं आ रहा।

थकावट + उलझन + बेचैनी

लगभग 8-9 घंटे की मेहनत के बाद रात के 12:30 बजे लैपटॉप बंद किया। शरीर थक चुका था, लेकिन दिमाग अब भी भाग रहा था।
नींद नहीं आई।
अचानक “Manifestation” शब्द याद आया। YouTube पर सर्च किया — और फिर एक नई समझ उभरी:
“आप जैसा सोचते हैं, वैसा ही आपका जीवन बनता है।”
फिर भी नींद नहीं आई। एक किताब उठाई — Tools of TITANS — और तब जाकर ये ख्याल आया कि…


क्यों न इस बेचैनी को ही डायरी बना दिया जाए?

क्यों न मैं हर दिन के इन जज़्बातों, उलझनों, मेहनत, और संकल्पों को शब्दों में ढालूं?
क्यों न मैं खुद को लिखकर समझूं, और दूसरों को भी दिखाऊं कि एक ब्लॉगर/क्रिएटर की ज़िंदगी सिर्फ पोस्ट्स से नहीं, उस अंदरूनी संघर्ष से बनती है जो हर दिन लड़ा जाता है।
आज से यह मेरी डायरी शुरू हुई।


सीख आज की:

1. मन बेचैन है तो उसे टालिए मत, उसे लिखिए।
2. जो कुछ भी हो रहा है, उसका लेखा-जोखा रखिए।
3. हर दिन कुछ नया सिखाता है — उसे दर्ज करिए।
4. आपका संघर्ष आपकी सबसे बड़ी प्रेरणा बन सकता है — आपके लिए और दूसरों के लिए भी।

Read my blog on “Emotional Welding”

Watch my YouTube video on “Acresia – The Invisible Enemy of Success”

My Medium Diary Post: Day 1 Reflection

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