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Acresia से बचाने वाले 6 टीके – Cool Blogger’s Diary (Part 4)

  • October 3, 2025
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Acresia से बचाने वाले 6 टीके – Cool Blogger’s Diary (Part 4)

आज सुबह अख़बार पढ़ते हुए अचानक दिमाग़ में ख्याल आया – हम लोग अपने बच्चों को हर बीमारी से बचाने के लिए कितने टीके लगवाते हैं। पोलियो, खसरा, टीबी, कितनी ही लिस्ट है। लेकिन एक बीमारी ऐसी है, जिसका टीका दुनिया की किसी हॉस्पिटल में नहीं मिलता। Eradicate Acresia
उस बीमारी का नाम है – Acresia

Six Vaccines to Eradicate Acresia From Your Life

Acresia यानी पता है कि क्या करना है, लेकिन नहीं करना। ये धीरे-धीरे सपनों को खा जाती है, आत्मविश्वास को कमजोर करती है और इंसान को 95% की भीड़ में धकेल देती है। जब मैंने ये सोचा, तो मुझे हंसी भी आई और डर भी। हंसी इसलिए कि हम सब इसमें फंसे हैं, और डर इसलिए कि अगर इसका इलाज न मिला, तो ज़िंदगी भर “मुझे करना चाहिए” कहते-कहते ही निकल जाएगी।

मैंने अपनी डायरी खोली और खुद से पूछा – क्या इसका कोई टीका है? और दिमाग़ से एक जवाब आया – हाँ, है! और वो टीके किसी डॉक्टर के पास नहीं, बल्कि हमारे अपने हाथों में हैं।

Acresia के 6 टीके

पहला टीकाअनुशासन (Discipline)
ज़िंदगी में सबसे बड़ा टीका है अनुशासन। अगर हम रोज़ उठने, काम करने, पढ़ने और सोचने की आदत बना लें, तो Acresia की जड़ें वहीं सूख जाती हैं। बिना अनुशासन इंसान चाह कर भी आगे नहीं बढ़ सकता।

दूसरा टीकाछोटे कदम (Small Steps)
बहुत लोग सोचते हैं – “कल से पूरी ज़िंदगी बदल दूँगा।” और फिर कल कभी आता ही नहीं। सच ये है कि ज़िंदगी बदलती है छोटे-छोटे कदमों से। एक पेज पढ़ना, 10 मिनट वॉक करना, एक नया शब्द सीखना – ये छोटे टीके बड़े रोग को हराते हैं।

तीसरा टीकासही संगत (Right Company)
किसके साथ बैठते हैं, किससे बातें करते हैं – ये हमारी आदतें और काम करने का तरीका तय करता है। अगर 95% की भीड़ के साथ रहेंगे, तो हम भी वही “चाहिए चाहिए” बोलते रहेंगे। लेकिन अगर 5% वालों के साथ बैठेंगे, तो काम करने की आग खुद-ब-खुद लग जाएगी।

चौथा टीकाआत्मचिंतन (Self-Reflection)
रोज़ रात को खुद से पूछो – “आज मैंने क्या किया और क्या सिर्फ सोचा?” ये सवाल आपको आईना दिखाता है। और जब इंसान खुद को आईना दिखाता है, तो सुधार अपने आप शुरू हो जाता है।

पाँचवाँ टीकासमय प्रबंधन (Time Management)
Acresia हमेशा वहीं पनपती है जहाँ समय बर्बाद होता है। सोशल मीडिया स्क्रॉल, टीवी के घंटे, फालतू बातें – यही Acresia का playground है। लेकिन अगर हम समय की वैल्यू समझ लें और उसे सही जगह लगाएँ, तो ये बीमारी पास भी नहीं आती।

छठा टीकाएक्शन (Action)
आख़िरी और सबसे ताक़तवर टीका है – Action। बिना काम के कुछ नहीं बदलता। सोचने से न पैसा आता है, न सेहत सुधरती है, न सपने पूरे होते हैं। Action ही असली दवा है।

आज मैंने अपनी डायरी में लिखा

“Acresia का कोई इंजेक्शन डॉक्टर नहीं लगाएगा।
ये इंजेक्शन हमें खुद लगाना होगा, हर रोज़, हर पल।
अनुशासन, छोटे कदम, सही संगत, आत्मचिंतन, समय प्रबंधन और Action – यही मेरे छह टीके हैं।”

जब मैंने ये लिखा, तो लगा जैसे दिल से बोझ उतर गया। क्योंकि अब मेरे पास रास्ता है। अब सिर्फ़ बहाना नहीं, अब सिर्फ़ “चाहिए” नहीं। अब सिर्फ़ करना है।

डायरी से सीख

Acresia से बचना है तो कोई shortcut नहीं।
ये 6 टीके रोज़ लगाने होंगे।
कभी मुश्किल लगेगा, कभी थकान होगी, लेकिन याद रखो –
👉 टीका लगाने की थोड़ी चुभन, बीमारी की उम्रभर की तकलीफ़ से बेहतर है।

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